Please Enter Your Email ID
3 नवम्बर,गोरखपुर। स्त्री मुक्ति लीग और दिशा छात्र संगठन के संयोजन में ‘दुर्गावती वोहरा स्क्वाॅड’ की ओर से पन्त पार्क में आत्मरक्षा प्रशिक्षण (Self Defence Training) की शुरुआत की गयी। यह प्रशिक्षण 3 नवम्बर से 9 नवम्बर तक चलेगा। इसमें प्रशिक्षण का काम ट्रेनर सुष्मिता और तारा कर रही हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ‘जनचेतना पुस्तक प्रतिष्ठान’ की रुबी को आमंत्रित किया गया था।
स्त्री मुक्ति लीग की अंजली ने दुर्गावती वोहरा (दुर्गा भाभी) के जीवन पर बात करते हुए कहा कि दुर्गा भाभी का जन्म 7 अक्टूबर 1902 को शहजादपुर ग्राम अब कौशाम्बी जिला में पंडित बांके बिहारी के यहां हुआ था।
दुर्गा भाभी की क्रान्तिकारी पक्षधरता और साहस की असली परीक्षा तब हुई, जब साण्डर्स हत्याकाण्ड के बाद भगतसिंह काे लाहाैर से निकालना था। पुलिस व गुप्तचराें के जाल से भगतसिंह काे निकालने के लिए दुर्गा भाभी ने अपने तीन साल के बेटे शची काे लिया और ख़ुद दुर्गावती के नाम से ‘साहब’ (भगतसिंह) की पत्नी का राेल अदा किया।
इसलिए हमारी क्रान्तिकारी दुर्गावती वोहरा के नाम पर ही ‘दुर्गावती वोहरा स्क्वाॅड’ का गठन किया गया है।
मुख्य अतिथि रुबी ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण की जरूरत पर बात करते हुए कहा कि आज हम एक ऐसे समाज में जी रहे हैं जहां एक छोटी बच्ची से लेकर बुजुर्ग महिला तक सुरक्षित नहीं है, जहां हर घण्टें 41 महिलाएं हत्या,अपराध,बलात्कार का शिकार होती हैं,ऐसे समय में ‘आत्मरक्षा प्रशिक्षण’ की बहुत जरूरत है। इस प्रशिक्षण से लड़ने, प्रतिरोध करने का साहस पैदा होता है। इसी के साथ हमें इस बात को भी समझना होगा कि केवल आत्मरक्षा प्रशिक्षण से ही स्त्रियों की सुरक्षा नहीं सम्भव है, हमें आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ ही ऐसी व्यवस्था के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई को संगठित करना होगा। जिस व्यवस्था में एक स्त्री दोहरे शोषण का शिकार होती है।
प्रशिक्षण में वैश्नवी दूबे,अंशिका, चन्दा,दिव्यांशी, एकता, शशि, अदिती, सौम्या आदि शामिल हुईं।