गोरखपुर 4 दिसम्बर। दुर्गावती वोहरा स्क्वॉड और स्त्री मुक्ति लीग के तहत परिचर्चा की शुरुआत की गयी।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में दोपहर 12:30 बजे से कविता कृष्णपल्लवी का लेख ‘स्त्री क्या चाहती है ? सबसे पहले तो आजादी।’ का पाठ कर उस पर बातचीत की गयी। परिचर्चा के दौरान समाज में बढ़ते स्त्री विरोधी अपराधों और उसके निदान पर चर्चा की गयी।
स्त्री मुक्ति लीग की अंजलि ने कहा कि बुनियादी सवाल यह नहीं है कि स्त्री क्या चाहती है, बल्कि यह है कि उसे क्या चाहना चाहिए, उसकी क्या चाहत होनी चाहिए या वस्तुगत तौर पर स्त्री की मनुष्यता की शर्तें क्या हो सकती हैं ,स्त्रियों की मुक्ति व्यापक मेहनतकश महिलाओं और मेहनतकश मजदूरों के साथ एकजुटता बनाकर स्त्री-पुरुष समानता आधारित वैकल्पिक सामाजिक ढांचे में ही संभव है। परिचर्चा में चंदा, तारा, अनुराधा, अनुपमा, तृप्ति, अंजलि, अदिति, साधना आदि शमील हुई।
कृष्णपल्लवी का लेख ‘स्त्री क्या चाहती है
