गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा की ओर से शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस 23 जुलाई के अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय मेन गेट से आज़ाद चौक तक जुलूस निकालकर सभा की गयी और व्यापक पर्चा वितरण किया गया।
दिशा छात्र संगठन के धर्मराज ने बताया कि आज़ाद का जन्म मध्यप्रदेश के अलीराजपुर रियासत के भावरा गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्हें प्राथमिक शिक्षा पूरी करने का मौका भी नहीं मिल सका फिर भी क्रांतिकारी जीवन में उनकी सूझबूझ व वैचारिक प्रखरता गजब की थी। वे एचआरए के सेनापति थे। काकोरी कांड के बाद क्रान्तिकारी संगठन के बिखरे सूत्रों को जोड़कर उसका पुनर्गठन आज़ाद के ही नेतृत्व में हुआ था। उन्होंने अत्यन्त कुशलता, त्याग और साहस के साथ युवा क्रान्तिकारियों की उस टीम को संगठित, प्रेरित व सक्रिय किया जिसने अपने वैचारिक प्रखरता और असीम बलिदान से पूरे देश में बिजली की लहर पैदा कर दी और करोड़ों- करोड़ हिन्दुस्तानियों को विदेशी हुक़ूमत के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरने के लिए प्रेरित किया।
नौजवान भारत सभा के अम्बरीश ने कहा कि चन्द्रशेखर आज़ाद को उनके मूर्तियों पर सिर्फ फूल-माला चढ़ाकर नही याद करना चाहिए बल्कि उनके धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की विरासत समाज में स्थापित कर के ही सच्चे रूप में श्रद्धांजलि दी जा सकती है। आज देश की मेहनतकश जनता महँगाई, बेरोज़गारी से त्रस्त है, सरकारें श्रम कानूनों में बदलाव कर मेहनत की लूट को और अधिक तेज़ कर रही है। ऐसे समय में आज साम्राज्यवादी-पूँजीवादी शोषण-उत्पीड़न की बेड़ियों में जकड़ी देश की मेहनतकश जनता के दिलों तक आज़ाद के अधूरे सपनों को पहुँचाना और उनकी महान शहादत से प्रेरणा लेते हुए उन सपनों को पूरा करने का संकल्प लेना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में अंजली, सौम्या, प्रीति, माया, मुकेश, प्रभाकांत,अमन, सचिन, सुनेहा आदि शामिल हुए।
शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के 23 जुलाई सच्ची श्रद्धांजलि–नौजवान भारत सभा
