छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने छठ घाटों का किया निरोक्षण

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डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर।इस वर्ष छठ का त्योहार दिनांक 17 नवंबर 2023 से 20 नवंबर 2023 तक मनाया जाएगा। 19 नवंबर को जहां अस्ताचलगामी सूर्य की आराधना की जाएगी वहीं 20 नवंबर 2023 को प्रातः उदीयमान सूर्य की आराधना जिले के विभिन्न छठ घाटों पर की जाएगी। इसके मद्देनजर शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक संजय कुमार, जिलाधिकार अवनीश कुमार सिंह तथा पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से मोटर वोट के द्वारा विभिन्न गंगा छठ घाटों का निरीक्षण किया। सभी घाटों पर छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं के लिए नगर निगम द्वारा किए गए व्यवस्था से आयुक्त काफी संतुष्ट दिखे। इस मौके पर नगर आयुक्त निखिल धनराज निपण्णीकर, अपर समाहर्ता मनोज कुमार, उप निदेशक जन सम्पर्क दिलीप कुमार देव, अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार, जिला आपदा पदाधिकारी चंदन कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
आयुक्त ने कहा कि छठ घाटों पर सारी तैयारियां का जायजा लिया जो अंतिम चरण में है। सभी घाटों का नगर निगम प्रशासन द्वारा समुचित रूप से बैरिकेडिंग कर दिया गया है, ताकि डेंजर जोन में छठ व्रति श्रद्धालु न जा पाएं। साथ ही लाइटिंग की भी समुचित व्यवस्था की गयी है। हर घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की गयी है। डेंजर जोन, दलदली घाटों पर सैंड बैग्स के माध्यम से उसे दुरूस्त किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। गंगा में कुल 15 घाट हैं जो लगभग डेढ से दो किलामीटर के रेडियस में है, जिसका मुआयना किया गया है। सभी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अन्य सुविधाओं की भी व्यापक व्यवस्था की गयी है। जिला प्रशासन इस पर्व को शांति एवं सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए तत्पर है।
जिला प्रशासन द्वारा गंगा के बढ़े जलस्तर को देखते हुए छठव्रतियों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत यदि छठव्रती गंगा का जल लेकर जाना चाहें तो इसके लिए जिला प्रशासन एवं नगर निगम, मुंगेर जल ले जाने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बताया है कि गंगा का जल छठ व्रतियों को उपलब्ध कराने हेतु नगर आयुक्त को वार्डवार/रोस्टरवार टैंकर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही छठ घाट पर यत्र-तत्र थूकना वर्जित रहेगा। इसके अलावे नदी/तालाब में अध्र्य देने के दौरान डूबकी न लगाने, छठ घाट के आस पास खाद्य पदार्थों के स्टाॅल नहीं लगाने, आम जन को खतरनाक घाटों के बारे में जानकारी भी उपलब्ध करायी जाएगी, ताकि भीड़-भाड़ की स्थिति न बनें। साथ ही छठ पूजा हेतु वाहनों के प्रयोग को यथासंभव विनियमित किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने इस संबंध में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को अपने क्षेत्रांतर्गत विभिन्न छठ घाट समितियों को भी इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वहीं नगर आयुक्त, सभी अनुमंडल पदाधिकारी को गंगा एवं विभिन्न तालाबों एवं पोखरों के जलस्तर के मद्देनजर सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैरिकेडिंग कराने का निर्देश दिया है, ताकि किसी भी प्रकार की कोई दुर्घटना न हो। सभी गंगा एवं छठ घाटों पर गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीम की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है।
इसके अलावे पांच छठ घाटों को खतरनाक छठ घाट के रूप में चिन्हित किया गया है, जिसमें कंकड़ घाट, हेरिूदियारा घाट, बेलवा घाट, सीढ़ी घाट तथा जहाज घाट शामिल है। इन सभी घाटों को पूर्णरूपेण बेरिकैडिंग करते हुए इस पर श्रद्धालुओं के आवागमन को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो।
जिलाधिकारी ने बताया कि महिला छठ व्रतियों के लिए सभी गंगा घाटों पर उनके वस्त्र बदलने की भी समुचित व्यवस्था की गयी है। सभी घाटों पर चेंजिंग रूम बनाया गया है, जहां महिला पदाधिकारी के साथ महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गयी है।
19 एवं 20 नवंबर को नाव परिचालन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से परिचालित सरकारी नाव का ही सिर्फ परिचालन किया जाएगा, जिसमें प्रशासनिक देखरेख में प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती रहेगी। नाव पर मोबाइल आपदा राहत केंद्र भी संचालित किया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षित गोताखोर, लाइफ जैकेट तथा हेल्थ टीम भी शामिल रहेगी। एसडीआरएफ की टीम भी पूरी सजगता के साथ लगातार भ्रमणशील रहेगी। गंगा घाटों के साथ-साथ अन्य तालाब एवं पोखरों के आस पास सफाई की भी समुचित व्यवस्था का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया है। इसके अलावे सभी घाटों पर निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति का भी निर्देश दिया गया है। स्थायी जिला नियंत्रण कक्ष भी संचालित रहेंगे। इसके अलावे गंगा नदी एवं छठ घाटों पर अस्थायी नियंत्रण कक्ष सह खोया पाया गुमशुदा केंद्र भी संचालित किया जाएगा, जिसमंे दंडाधिकारी के अधीन पुलिस पदाधिकारी एवं बल की तैनाती रहेगी। चिकित्सक एवं जीवन रक्षक दवाओं के साथ पारा मेडिकल स्टाफ की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि छठ पर्व के दौरान शहरी क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन को निर्बाध रूप से परिचालित कराए जाने के लिए पांच जगहों पर पार्किंग स्थल बनाया गया है, जिनमें भगत सिंह चैक के निकट माॅडल स्कूल, टाउन स्कूल, सरकारी बस स्टैंड, आॅटो स्टैंड तथा किला के अंदर पोलो मैदान शामिल है। यातायात थानाध्यक्ष को इस बाबत निर्देशित किया गया है कि वे छठ घाटों पर छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए पार्किंग की समुचित व्यवस्था कराएंगे। इसके अलावे सभी छठ घाटों पर दण्डाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस बल के साथ-साथ क्यूआरटी की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि खड़गपुर अनुमंडल क्षेत्र में एनएच 333 के किनारे भी कई छठ घाट अवस्थित हैं। छठ पर्व के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। इस दौरान इस मार्ग से चलने वाले सभी भारी वाहनों/बालू लदे वाहनों तथा अन्य मालवाहक भारी वाहनों के परिचालन पर 19 एवं 20 नवंबर 2023 तक बंद कर वैकल्पिक मार्ग से आवागमन कराने तथा श्रीकृष्ण सेतु से बड़े वाहनों का आवागमन बरियारपुर से आगे खड़गपुर जाने वाले मार्ग को अवरूद्ध कर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष बरियारपुर को बरियारपुर से सुलतानगंज मार्ग से होकर करने का निर्देश दिया गया है।

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