शाम ढलते ही बंद हो जाती है हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

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कागजों पर रह जाती है चिकित्सक की पोस्टिंग

एएनएम के भरोसे चलती है हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

24 घंटे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने की मांग

डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर सिटी। मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित माताडीह पंचायत के दरियापुर हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। इस सेंटर के नाम पर स्वास्थ्य विभाग भले वाहवाही लूटता हो, लेकिन सेंटर के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बस खानापूर्ति की जा रही है। बता दें कि भारत सरकार के आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत दरियापुर में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोला गया। सेंटर खोले जाने के नाम पर लाखों रुपये की राशि खर्च की गई। इस सेंटर में 19 प्रकार के रोगियों के जांच की सुविधा दिए जाने का प्रावधान है। लेकिन हालात ऐसा है कि सेंटर पर पदस्थापित किए गए चिकित्सक अधिकांश दिन सेंटर आना मुनासिब नही समझते है। वर्तमान में एएनएम के भरोसे सेंटर चलती है।
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24 घंटे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने की मांग

धरहरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित माताडीह पंचायत की कुल आबादी 10 हजार है। जो आदिवासी व पिछड़ी जाति बाहुल्य इलाका है। इस क्षेत्र में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने से लोगों में आशा जगी थी कि लोगो को 24 घंटे इलाज की सुविधा मिलेगी। लेकिन शाम ढलते ही सेंटर बंद हो जाती है। जबकि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर 24 घंटे खोले जाने का प्रावधान है।

रात्रि सुविधा नही होने से मरीजों की हो जाती है मौत
माताडीह पहाड़ी इलाका होने के साथ ही सुदूरवर्ती इलाका है। यहां से सदर अस्पताल की दूरी 18 किलोमीटर है। जबकि धरहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी भौगोलिक बनावट के कारण 4 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। रात्रि में प्रसव या अन्य घटनाए होने पर यहां के मरीजों को सदर अस्पताल या धरहरा स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है। वाहन की सुविधा नही होने के कारण कभी कभी अस्पताल जाते-जाते मरीजों की मौत हो जाती है। माताडीह वासियो ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग डीएम से की है।

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